शिखर दर्शन
गुरुवार, 28 अगस्त 2014
मंगलवार, 26 अगस्त 2014
करुणा मयी श्री राधा
श्री राधा रानी कितनी करुणा मयी हैं ये वाणी का विषय नहीं ये तो सिर्फ अनुभव का विषय है । पर किसी ने एक बार भी इनकी कृपा का अनुभव कर लिया बस वो फिर इन्हीं का होकर रह गया । आखिर हो भी क्यों न जिनके करुणा के सिन्धु से एक बिन्दु प्राप्त करके ये संसार चल रहा है अगर उन्हीं की गोद मिल जाये तो फिर ..........
श्री कृष्ण के बिना जीवन कष्ट का सागर है
जीवात्मा संसार में माया के वश में होकर त्रितापों से प्रतिक्षण तप्त हो रहा है । ऐसी स्थिति में श्री कृष्ण के चरणों के सिवा कोई भी व्यक्ति वस्तु उसे शीतलता प्रदान करने में समर्थ नहीं है । इसलिए हे मानवों परम करुणामय श्री कृष्ण की शरण ग्रहण करो । श्री कृष्ण के निज निवास ब्रज धाम की छत्र छाया में आओ तुम्हें परम शांति मिलेगी ।
रविवार, 24 अगस्त 2014
शनिवार, 16 अगस्त 2014
श्री चित्रा सखी जयन्ति महोत्सव
श्री राधा सर्वेश्वरो जयति श्री भगवन्निम्बार्काचार्यायनम: सम्माननीय ब्रज रस रसिक भक्त वृन्द सादर जय श्री राधे । अति आनन्द के साथ सूचीत करते हैं कि
श्री चित्रा सखी का प्राकट्योत्सव प्रति वर्ष कि भांति इस वर्ष भी बड़े हर्षोल्लास एवं श्रद्धा पूर्वक सम्पन्न होगा कार्यक्रम दिनांक 3 -8-2014 सायं 6 बजे से 4-8-2014 सुबह 6 बजे तक युगल नाम सन्कीर्तन 8 बजे प्राकट्य महाभिषेक ।मध्याह्न 12बजे प्रसाद । सायं 5 बजे पुष्प निकुंज श्री चित्रा निकुंज विहारी विहारिणी जु के भव्य दर्शन एवं सन्कीर्तन रस धारा स्थान -श्री चित्रा सखी मंदिर चिकसौली बरसाना मथुरा संपर्क -08445991207 (chiksuli@gmail.com) लिंक -www.chitrasakhi.blogspot.com
श्री चित्रा सखी का प्राकट्योत्सव प्रति वर्ष कि भांति इस वर्ष भी बड़े हर्षोल्लास एवं श्रद्धा पूर्वक सम्पन्न होगा कार्यक्रम दिनांक 3 -8-2014 सायं 6 बजे से 4-8-2014 सुबह 6 बजे तक युगल नाम सन्कीर्तन 8 बजे प्राकट्य महाभिषेक ।मध्याह्न 12बजे प्रसाद । सायं 5 बजे पुष्प निकुंज श्री चित्रा निकुंज विहारी विहारिणी जु के भव्य दर्शन एवं सन्कीर्तन रस धारा स्थान -श्री चित्रा सखी मंदिर चिकसौली बरसाना मथुरा संपर्क -08445991207 (chiksuli@gmail.com) लिंक -www.chitrasakhi.blogspot.com
गुरुवार, 14 अगस्त 2014
बुधवार, 13 अगस्त 2014
मेरी अभिलाषा
हे मेरे राधारमण मैं आपसे इतनी विनती करता हूँ । अब मेरी इस संसार में रहने की कोई इच्छा है ।आप मुझे जल्दी अपने चरणों की सेवा में बुला लो प्रभु । मैं इस संसार के त्रितापों की ज्वाला से दग्ध हो रहा हूँ । मुझे अपने चरणों के स्पर्श से शीतलता प्रदान करें ।आपके सिवा मेरा कोई नहीं है । आप मेरी विनती जल्दी स्वीकार करो । आपका सेवक
शुक्रवार, 8 अगस्त 2014
प्रेमा भक्ति
ब्रज के कण कण में श्री राधामाधव की दिव्य प्रेम की खुशबु समाहित है । अगर आप प्रेम की परिभाषा जानना चाहेंगे तो आपको ब्रज रज की शरण लेनी पड़ेगी । बस अष्ट सखियों में से किसी एक की शरण ग्रहण कर लें दृढ़ता पूर्वक । फिर आपको इनकी कृपा से ब्रज बिहारी की लीलाओ का मधुरातिमधुर रस प्राप्त होने लग जायेगा क्योंकि ये सखियाँ ही इनके लीलाओं की संयोजक हैं
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