ब्रज के कण कण में श्री राधामाधव की दिव्य प्रेम की खुशबु समाहित है । अगर आप प्रेम की परिभाषा जानना चाहेंगे तो आपको ब्रज रज की शरण लेनी पड़ेगी । बस अष्ट सखियों में से किसी एक की शरण ग्रहण कर लें दृढ़ता पूर्वक । फिर आपको इनकी कृपा से ब्रज बिहारी की लीलाओ का मधुरातिमधुर रस प्राप्त होने लग जायेगा क्योंकि ये सखियाँ ही इनके लीलाओं की संयोजक हैं
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